चुनाव आवे वाला है

 अम्मा अम्मा  आज़ादी का है ?”

  अमरित महोत्सव तौ हम कभी सुने नाहीं ।

 रामू कहे है कि घर घर झण्डा   लगाओ   देसगीत गाओ.. यही है आज़ादी ।”

हाँ बबुआ.. ऐसै कुछू हमहूँ सुने है 

तौ का अम्मा एक झण्डा हमहूँ लगाय दें

तू का करिहे झण्डाझण्डा से आज़ादी का.. का मतलबहमय लोगन का तो आज़ादी तबय है जब घर  खाय का रासन.. तन पर बसन..  सोवे का झुग्गी  जगह होय..झूठे झण्डा झण्डा लगाए है ” 

अच्छा हाँऽऽ..बबुआ.. ई तौ देस की बात है, ले दस रूपिया  जा झण्डा ख़रीद ले  लगा दे झुग्गी के पन्नी फाड़ के..  बरसात  देख नजारा जब टप्प-टप्प चुए..  जाड़े म पन्नी के छेद से बर्फ़ का गोला गिरे तौ हमरी छाती पर मत चिपकियो कि हाय अम्मा जड़ाय रहे..

हेहेहेहे अम्मा तुम तौ..

तुम तौ का..”

अरे अम्मा हम तौ क़हत रहे कि झण्डा तौ फिरी  मिलि रहा बस लगाना है।

अच्छाऽऽ

हाँ सही कह रहे अम्मा ! पूरी बस्ती  झण्डा बँटि रहाबड़े-बड़े साहब नेता सब बांटि रहेढूँढ-ढूँढ सबै दे रहे 

अच्छाऽऽ

अब हम समझीं बबुआ 

 अमरित महोत्सव.. वहोत्सव नाहींकौनो चुनाव आवे वाला है 

  

**जिज्ञासा सिंह**

31 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी अपनी समझ ...... जब तक पेट में अन्न नहीं तब तक क्या अमृत महोत्सव ।नेताओं के स्वार्थ को भी उजागर कर रही ये लघु कथा । चुनाव के समय ही फ्री देने के बहुत वायदे किये जाते हैं।

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    1. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी।

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  2. दुःख-दर्द भुला, हम हंसी-ख़ुशी, अपना झंडा फहराते हैं,
    रोटी-कपड़ा-कुटिया के बिन, सब अमृत-पर्व मनाते हैं.

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार 15 अगस्त, 2022 को    "स्वतन्तन्त्रा दिवस का अमृत महोत्सव"   (चर्चा अंक-4522) 
       
    पर भी होगी।
    --
    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    1. चर्चा मंच में लघुकथा को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन।
      स्वतन्त्रता दिवस की हीरक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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  4. आपकी लिखी रचना सोमवार 15 अगस्त 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  5. "पांच लिंकों का आनन्द" में लघुकथा को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन।
    स्वतन्त्रता दिवस की हीरक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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  6. बहुत सटीक लघुकथा 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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    1. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आपका । स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  7. धार धार व्यंग्य,आम आदमी की समझ यहीं तक पहुंचा दी है हमारे नेताओं ने कि अगर नेता दिखने लगे आम लोगों में तो जरूर चुनाव आने वाले हैं।

    सच भूखे को रोटी और निराश्रय को छत नहीं तो कैसा प्रजातंत्र कैसी आज़ादी।
    वंदेमातरम्।

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    1. सृजन को सार्थक करती प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  8. यह भी बड़ा सच है । बड़े पदों पर पहुंचे लोगों को इनका ध्यान रखना होगा तभी हमारी बहुमूल्य स्वतंत्रता का महत्त्व ये भी समझ सकेंगे ।

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    1. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आपका । स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  9. सुंदर व सटीक लघुकथा
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आपका । स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

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  10. बहुत सुंदर और सटीक लघुकथा।

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  11. सही है। अपने अनुभव से ही सब हर परिस्थिति को देखते हैं। बबुआ की अम्मा ने अब तक यही देखा है।
    अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी 🙏

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    1. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार आपका ।

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  12. दृष्टिकोण अपना-अपना।
    प्रिय जिज्ञासा जी,
    आपके द्वारा प्रेषित संदेश भी एक पहलू है।
    पर मुझे लगता है
    बाकी मुद्दे अपनी जगह है जिसके समाधान के लिए प्रयासरत रहना ही चाहिए पर इसमें स्वतंत्रता दिवस के महत्वपूर्ण दिन का उत्साह कम क्यों करना है?
    सस्नेह।

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    1. जी, श्वेता जी आपके कहन से सहमत हूं, पर सच कहूं तो मैं दूसरे पहलू को लिखना चाह रही थी परंतु लेखनी ने यही लिखना मंजूर किया। और उस दिन ये पोस्ट हो गई । किसी दिन वो लघुकथा भी डालूंगी।
      आपका बहुत बहुत आभार सखी ।

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  13. ई अमरित महोत्सव.. वहोत्सव नाहीं, कौनो चुनाव आवे वाला है ।” सटीक लघुकथा

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  14. नेता और फ्री में कुछ भी बँटना मतलब चुनाव...
    यही समझ छोड़ी है हमारे नेताओं ने हर गांव गली में...
    सार्थक एवं सुन्दर लघुकथा।

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  15. प्रिय जिज्ञासा जी, मेरी प्रतिक्रिया नहीं दीख रही शायद स्पेम में हो कृपया चेक कर लीजिएगा।
    सस्नेह।

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