तड़ाक! तड़ाक!
“किसी को जूठा करके सेव देते हैं भला? तुमने सेवों में दाँत गड़ाकर सारे सेव जूठे कर दिए।”
सुधांशु बेटे का कान उमेठते हुए, गाल पर थप्पड़ जड़ते हुए चिल्लाए, तीन साल के बेटे के आँख से आँसू निकले गालों पे लटक गए, बेटा गाल सहलाते हुए बहन को देखकर बोला,
“ पापा! दीदी मीठे सेव ही खाती है न, मैं तो चख लहा था।”
जिज्ञासा सिंह