गागर में सागर
मेरे इस ब्लॉग में मेरी कहानियों और लेखों का संग्रह है, आशा है अपको रुचिकर लगेंगे-
अन्य ब्लॉग
(यहां ले जाएं ...)
जिज्ञासा की जिज्ञासा
जिज्ञासा के गीत
▼
(यहां ले जाएं ...)
मुख्य ब्लॉग पर जाएँ
▼
कहानी.. जंगली घास
›
“लखनऊ कनेक्शन वर्ल्डवाइड” पत्रिका में प्रकाशित कहानी जंगली घास ************ “ऐ मौत आज तू इतनी शांत कैसे है? मौत! तू कभी तो एक क्षण में आ धमक...
14 टिप्पणियां:
अपना आसमान.. लघुकथा
›
ऑर्डर-ऑर्डर-ऑर्डर! जज ने आनंदी के पक्ष में फ़ैसला सुनाया, आनंदी ने गौरव को कनखियों से देखा। गौरव उनसे अलग होकर दुखी नहीं था, होता भी ...
14 टिप्पणियां:
दिव्य-दृष्टि.. लघुकथा
›
“अच्छाऽ पाँच नेत्र!” “हाँ हाँ पाँच नेत्र!” “दो तो होते ही हैं, तीन भी देखा-सुना है, पर पाँच पहली बार देख रहा हूँ।” “मेरे ही घर ऐसा बच्चा ...
19 टिप्पणियां:
उलझन (विश्व पर्यावरण दिवस)
›
“तुम्हीं हो न केशव! जो उस दिन.. अपने गेट पर खड़े नीम का पेड़ कटवा रहे थे.. मेरे मना करने पर दुनिया भर की सफ़ाई दी।" "ये बड़ा आड़ा-...
9 टिप्पणियां:
सिर के बाल
›
“जुगनी ज़रा सुनना तो!” कोई ग़ल्ती हो गई क्या साहब? “ अरे नहीं.. मैं ये कह रहा था कि तुम काम करते वक्त इतना आँचल क्यों सिर से खिसकाती हो?.. अ...
5 टिप्पणियां:
नया खर्चा
›
"रिक्शा खींचते-खींचते थकते नहीं तुम? कुछ बचत भी करते हो या बस्स.. "अरे मैडम क्या थकेंगे? क्या बचत करेंगे हम? जैसे ही लल्ला का मु...
19 टिप्पणियां:
आशीर्वाद
›
"अरे काका ई हमारा बड़का पलंग कहाँ लिए जा रहे हैं? और ई आपके पीछे हमारी आजी का जगन्नाथपुरी वाला गगरुआ लोटा लिए हरखू आ रहे हैं? हमें ...
10 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें