सादर प्रणाम !
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है, कि आप भाभी और बच्चों के साथ कुशल से होंगे, इधर कई दिनों से सोचने के बाद भी,व्यस्तता के कारण आपको चिट्ठी नहीं लिख पाई, भाभी का पत्र आया था,उसका जवाब दे दिया था शायद मिल गया हो,पर कोई सूचना नहीं है ।
आप को तो पता ही है कि रक्षा बंधन आने वाला है, इस बार मैं नहीं आ पाऊंगी,क्योंकि मेरी भी ननद अपने भैया को राखी बांधने आ रही हैं, आप तो जानते ही हैं कि इतनी दूर से उनका आना बहुत दिनों बाद होता है, और इस बार तो वो दो साल पर आ रही हैं,अतः उनको छोड़कर आना मेरे लिए मुश्किल होगा, इसलिए आप भाभी को लेकर आ जाइएगा, समय न हो तो दो ही दिन का समय निकाल लीजिए अच्छा लगेगा और ये भी खुश हो जाएंगे,बच्चे तो वैसे भी मामा को देख निहाल हो जाते हैं, बड़ी दीदी को भी बोल दिया है, वो भी यहीं मेरे घर आ जाएंगी, सब साथ रहेंगे, मजे करेंगे ।
छोटे भैया को भी बोल दिया है, सपरिवार आने के लिए, उनके साथ पिता जी भी आएंगे, सबसे मुलाकात हो जाएगी । देखिए क्या कार्यक्रम बनाते हैं,वो लोग,वैसे अपनी तरफ से मैंने ज़ोर देकर लिखा है आने के लिए । लगे हाथ आप अक्षिता से भी रखी बंधवा लीजिएगा । नहीं तो चाची जी सोचेंगी कि वहां तक गए और मेरी बेटी के घर नहीं गए और वो तो मेरे घर के पास ही रहती है ।
शेष सब ठीक है, यहाँ माता जी स्वस्थ हैं, वो भी अपने भाई के इंतजार में राखी का दिन उंगलियों पे गिन रही हैं, और बातें मिलने पर होगी, अरे हां ज्यादा मिठाई मत लाइएगा,जानते ही हैं, कि सासू मां को डायबिटीज है,बिना खाए मानेंगी नहीं । हां लड्डन हलवाई की चमचम जरूर लाइएगा, छुटकी कह रही है कि मामा से कह दो घेवर जरूर लायेंगे । आगे की बात मिलने पर, भाभी को प्रणाम, बच्चों को बुआ का ढेर सा प्यार....
आपकी छोटी बहन
जिज्ञासा....
२१/८/२०२१
प्रेम पाती और बुलाने की मनुहार । सब भाई बहन मिल कर त्योहार मनाएँ यही कामना ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय दीदी ।
हटाएंआशा है कि घर में उत्सव रहा होगा। हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार प्रवीण जी ।
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