tag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post5318275587184350769..comments2024-03-04T00:27:29.758-08:00Comments on गागर में सागर : आखिरी स्नेहजिज्ञासा सिंह http://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-18129572058047169322022-06-07T13:07:41.751-07:002022-06-07T13:07:41.751-07:00बहुत बहुत आभार आपका ।बहुत बहुत आभार आपका ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-59845809371499350032022-06-01T20:03:45.547-07:002022-06-01T20:03:45.547-07:00कथा को सार्थक करती आपकी दिव्यदृष्टि के लिए आभार सख...कथा को सार्थक करती आपकी दिव्यदृष्टि के लिए आभार सखी ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-4873484412778979782022-06-01T10:54:19.738-07:002022-06-01T10:54:19.738-07:00दूर्वा का अनकहा स्नेह इन्सान के लिए बहुत बडा उपह...दूर्वा का अनकहा स्नेह इन्सान के लिए बहुत बडा उपहार है।एक सूक्ष्म भावाभिव्यक्ति जो एक संवेदनशील हृदय ही अनुभव कर सकताहै।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-4536742036390924572022-05-20T09:43:49.452-07:002022-05-20T09:43:49.452-07:00आपने लघुकथा को सराहा ।लेखन सार्थक हुआ ।आती रहा करे...आपने लघुकथा को सराहा ।लेखन सार्थक हुआ ।आती रहा करें आपकी बहुमूल्य टिप्पणी का इंतजार रहता है सखी ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-9032157351797619952022-05-20T09:41:43.035-07:002022-05-20T09:41:43.035-07:00बहुत आभार शुभाजी ।बहुत आभार शुभाजी ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-85001856825525754282022-05-20T05:30:05.266-07:002022-05-20T05:30:05.266-07:00दूब के माध्यम से गहन संदेश देती सराहनीय लघुकथा जिज...दूब के माध्यम से गहन संदेश देती सराहनीय लघुकथा जिज्ञासा जी।<br />सस्नेहSweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-27307481709071087912022-05-20T03:06:56.370-07:002022-05-20T03:06:56.370-07:00कोमल हृदय की संवेदनाओं को व्यक्त करती हृदय स्पर्शी...कोमल हृदय की संवेदनाओं को व्यक्त करती हृदय स्पर्शी लघुकथा।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-19989264830884849342022-05-19T20:47:48.577-07:002022-05-19T20:47:48.577-07:00वाह!क्या बात है ,बहुत सुंदर सृजन जिज्ञासा ।वाह!क्या बात है ,बहुत सुंदर सृजन जिज्ञासा ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-5258957942532674972022-05-19T10:21:33.993-07:002022-05-19T10:21:33.993-07:00मेरी लघुकथा को चर्चा मंच तक पहुंचाने के लिए आपका ह...मेरी लघुकथा को चर्चा मंच तक पहुंचाने के लिए आपका हृदयतल से आभार और अभिनंदन प्रिय अनीता जी । मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-74325871083869282562022-05-19T10:20:04.647-07:002022-05-19T10:20:04.647-07:00बिलकुल सही कहा आपने ।
बहुत बहुत आभार आपका इस सटीक ...बिलकुल सही कहा आपने ।<br />बहुत बहुत आभार आपका इस सटीक प्रतिक्रिया के लिए।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-76679568623685086632022-05-19T10:19:02.443-07:002022-05-19T10:19:02.443-07:00बहुत बहुत आभार आपका इस सुंदर प्रतिक्रिया के लिए।बहुत बहुत आभार आपका इस सुंदर प्रतिक्रिया के लिए।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-64511599789939097162022-05-19T06:54:51.350-07:002022-05-19T06:54:51.350-07:00वाह! दुर्वा - मर्दन से झांकता जीवन - दर्शन!!!वाह! दुर्वा - मर्दन से झांकता जीवन - दर्शन!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-5448638326707217272022-05-19T05:37:10.001-07:002022-05-19T05:37:10.001-07:00जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...<br />जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(२०-०५-२०२२ ) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ " rel="nofollow"><br />'कुछ अनकहा सा'(चर्चा अंक-४४३६)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है। <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7839975458010500441.post-84319265883554168872022-05-19T00:07:35.256-07:002022-05-19T00:07:35.256-07:00हम प्रकृति से बहुत दूर होते जा रहे हैं. दूब के मैद...हम प्रकृति से बहुत दूर होते जा रहे हैं. दूब के मैदान में टहलने से ज़्यादा अब हमको सिंथेटिक ग्रास के ट्रैक पर चलने में आनंद आता है. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.com